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संपादकीय

भारत के लिए एक आत्म-लक्ष्य

13.12.18 798 Source: The Hindu
भारत के लिए एक आत्म-लक्ष्य

केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की अखंडता पर किसी भी तरह का सवाल न उठाते हुए, सबसे जानकार लोग यह पूछ रहे हैं कि यदि वर्ष 2004-2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण संकेतक बेहतर थे, तो अभी जारी किये गये आंकड़ों में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर कैसे इतनी उच्च है (2014 से प्रति वर्ष 7.4% और 2005-2014 में प्रति वर्ष केवल 6.7%)? यह उत्सुकता का भी केंद्र है क्योंकि संशोधित पद्धति .....................

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