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अधिकांश विश्लेषकों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण को सही ठहराते हुए इस फैसले का स्वागत किया है। नरेन्द्र मोदी सरकार ने नैतिक खतरों के स्पष्ट जोखिम के बावजूद बैंकों को सुदृढ़ करने के बड़े निवेश करने का फैसला किया है। इससे पहले कि भारत अपनी अगली बैंकिंग नीति की ओर रुख करे, उससे पहले इसका अगला कदम भविष्य की वित्तीय नीति के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा के निर्माण पर केन्द्रित होना चाहिए।............... Download pdf to Read More