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संपादकीय

एक अप्रिय कमी: अदालतों में रिक्तियों पर

17.11.18 963 Source: The Hindu
एक अप्रिय कमी: अदालतों में रिक्तियों पर

न्यायपालिका में तेजी से बढ़ते लंबित मामलों की समस्या केवल न्यायिक प्रक्रियाओं में देरी की वजह से नहीं, बल्कि इसकी असली वजह वर्षों से चली आ रही न्यायाधीशों की नियुक्तियों में कमी और अदालतों की कमी है, जिनकी वे अध्यक्षता करते हैं।

गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर निचली अदालतों में नियुक्तियों के लिए वर्ष 2007 में दिए गये दिशानिर्देश के एक दशक से अधिक समय बाद, अब इसी तरह की एक समस्या उच्चतम न्यायालय के समक्ष वापस आ गया है। तत्काल संदर्भ अधीनस्थ अदालतों में 5,000 से अधिक रिक्तियों से संबंधित है...................

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